सभी योगासनों में पदमासन शायद सबसे जाना-माना योगासन है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि पदमासन खतरनाक हो सकता है आपके लिए? कैलेण्डर में दिखाए जाने वाले योगियों को देख कर कहीं आप भी पदमासन में तो नहीं बैठने लगे? तो यह लेख आपके लिए है… आप पद्मासन के बारे में जानते हैं? यह एक ऐसा आसन है जो कैलेंडर में खूब दिखाई देता है,किसी कैलेण्डर या पोस्टर में हमेशा पद्मासन में बैठे व्यक्ति की ही तस्वीर छपी देखने को मिलती है। पद्म का अर्थ होता है कमल, यानी कमल की मुद्रा में बैठना। योग में इस आसन के कई पहलू हैं। अगर आप पद्मासन की खूब गहराई में जाएं तो आप पायेंगे कि अस्तित्व में ऐसा कुछ भी नहीं है जिसको यह भीतरी या बाहरी रूप से प्रभावित करने की क्षमता न रखता हो। इसका संबंध केवल आंतरिक पहलुओं से नहीं है, बल्कि बाहरी चीजों पर भी यह असरदार है। हम इससे मात्र अपने भीतरी दुनिया की इंजीनियरिंग नहीं कर सकते, बल्कि हम इससे इस बाहरी दुनिया की भी इंजीनियरिंग कर सकते हैं।एक इंजीनियरिंग कालेज बनाकर उसके माध्यम से लोगों को किसी भी प्रकार की इंजीनियरिंग की शिक्षा देना आसान है। लेकिन आज जिस तरीके...
Simha – asana – The Lion Pose: Translation: The Sanskrit word simha which literally means "the powerful one" is the word for "lion." This, therefore is known as the lion posture, and one performing it can be said to resemble a roaring lion about to attack. Instructions: 1. Sit up on the knees with the heels of the feet pressed against the buttocks and the calves of the legs flat on the floor. 2. Place the balls of the hands on the knees, straighten the arms and keep the back erect and the head straight (not tilted forward, back, to the left or the right). 3. Inhale while leaning forward slightly, stretching the mouth the jaws as wide as possible, extend the tongue out and downward as much as possible, fix your gaze either at the tip of the nose or between the eyebrows and stretch the fingers straight out from the knees. 4. Hold the posture for the duration of the inhaled breath then exhale, relaxing the forward stretch, dropping the fingers to the kne...
जीवित गुरु को लेकर कई लोगों को समस्या होती है कि वह इंसान की पूजा कैसे करें? लेकिन ऐसे गुरु जो दुनिया से जा चुके हैं, उनकी पूजा पूरे विश्व में बड़ी संख्या में लोगों द्वारा की जाती है। क्या है जीवित गुरु से कम लोगों के जुड़ने का कारण? जब लोगों के दिमाग में गुरु का ख्याल आता है, तो उन्हें जीवित गुरु से बड़ी समस्या होती है। दुनिया में सभी लोग उनकी पूजा करते हैं, जो गुजर चुके हैं। लोगों के लिए यह फर्क करना इतना मुश्किल क्यों होता है? लोग कहते हैं, ‘वह तो एक इंसान हैं, वह आत्मज्ञानी होने का दावा क्यों कर रहे हैं? हमारे ख्याल से सभी आत्मज्ञानी लोग गुजर जाने के बाद ही आत्मज्ञानी होते हैं।’ इसकी वजह यह है कि मौजूदा चीजों की अहमियत समझने के लिए आपके अंदर एक खास बुद्धिमानी और जागरूकता होनी चाहिए। हजारों साल पहले मौजूद रहे किसी व्यक्ति को महान कहना और उसकी पूजा करना बहुत आसान है क्योंकि लाखों लोग ऐसा कह रहे हैं। हर कोई अतीत पर मंत्रमुग्ध होता है क्योंकि कई पीढ़ियां ऐसा कह चुकी हैं। कृष्ण के समय उन्हें भी सभी ने नहीं पहचाना कृष्ण भी जब जीवित थे, तो कितने लोगों ने वास्तव में उन्हें पहचा...
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