सभी योगासनों में पदमासन शायद सबसे जाना-माना योगासन है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि पदमासन खतरनाक हो सकता है आपके लिए? कैलेण्डर में दिखाए जाने वाले योगियों को देख कर कहीं आप भी पदमासन में तो नहीं बैठने लगे? तो यह लेख आपके लिए है… आप पद्मासन के बारे में जानते हैं? यह एक ऐसा आसन है जो कैलेंडर में खूब दिखाई देता है,किसी कैलेण्डर या पोस्टर में हमेशा पद्मासन में बैठे व्यक्ति की ही तस्वीर छपी देखने को मिलती है। पद्म का अर्थ होता है कमल, यानी कमल की मुद्रा में बैठना। योग में इस आसन के कई पहलू हैं। अगर आप पद्मासन की खूब गहराई में जाएं तो आप पायेंगे कि अस्तित्व में ऐसा कुछ भी नहीं है जिसको यह भीतरी या बाहरी रूप से प्रभावित करने की क्षमता न रखता हो। इसका संबंध केवल आंतरिक पहलुओं से नहीं है, बल्कि बाहरी चीजों पर भी यह असरदार है। हम इससे मात्र अपने भीतरी दुनिया की इंजीनियरिंग नहीं कर सकते, बल्कि हम इससे इस बाहरी दुनिया की भी इंजीनियरिंग कर सकते हैं।एक इंजीनियरिंग कालेज बनाकर उसके माध्यम से लोगों को किसी भी प्रकार की इंजीनियरिंग की शिक्षा देना आसान है। लेकिन आज जिस तरीके...
यह एक बड़ी पुरानी समस्या है कि लोगों को लगता है कि वे जहां हैं, वह जगह उतनी अच्छी नहीं है, कोई दूसरी जगह उन्हें बेहतर लगती है। मैं यह नहीं कह रहा कि कुछ खास तरह के कामों के लिए कुछ जगहें सहायक नहीं होती हैं – बिल्कुल ऐसी जगहें हैं – लेकिन आध्यात्मिक प्रक्रिया अंदरूनी यात्रा है। चाहे आप न्यू यॉर्क में हों या हिमालय में, दोनों जगह आप तो वैसे ही रहेंगे। जब आप पहाड़ों पर जाते हैं, तो पहले तीन दिन तो आपको लगता है कि आप भी थोड़े असाधारण हो गए हैं, लेकिन तीन दिन बाद ही ये भाव खत्म हो जाते हैं। फिर वही समस्याएं आएंगी। कभी आप अचानक पहाड़ों के पास जाकर बैठते हैं और सोचते हैं, यहां कितनी शांति महसूस हो रही है। लेकिन आप जाकर पहाड़ों पर रहना शुरू कर दीजिए, फिर देखिए। शहरों में रहने के मुकाबले आपको वहां ज्यादा समस्याओं का सामना करना होगा। यात्रा को आध्यात्मिक प्रक्रिया से मत जोड़िए हमने शहरों का निर्माण इसलिए किया, ताकि हर चीज व्यवस्थित हो, हर चीज आसानी से उपलब्ध हो। शहरों का निर्माण हमने समस्या पैदा करने के लिए नहीं किया, जीवन को आसान और व्यवस्थित बनाने के लिए हमने शहर बनाए। अगर हम सभी अ...
योग जीवन से दूर ले जाने वाली चीज नहीं है। यह आपको जीवन के प्रति आकर्षित करता है। तो मुझे बताइए, शुरुआत करने का समय क्या है? साठ साल की उम्र या जितनी जल्दी संभव हो ? सात साल की उम्र आम तौर एक अच्छी उम्र मानी जाती है, यह बहुत महत्वपूर्ण है कि बच्चे के सामने कई चीजें रखी जाएं जिनके बारे में वे समझदारी से चुनाव कर सके।अगर आप उनके सामने ये विकल्प नहीं रखेंगे, तो उन्हें यह विश्वास हो जाएगा कि दुनिया में बस वही चीजें है, जो उन्हें दिखती हैं। उन्हें लगेगा कि चुनाव सिर्फ सॉफ्ट ड्रिंक और पिज्जा के बीच करना है, और कुछ भी नहीं है यहां। यह बहुत महत्वपूर्ण है कि जीवन की शुरुआत से ही बच्चे के सामने सही चीजें आएं, जो अंदर से काम करने वाली हों, क्योंकि हम अपने आस-पास की दुनिया में जो व्यवस्था करते हैं, उन्हें एक खास सीमा तक ही संभाला जा सकता है। जब तक आपकी खुशहाली बाहरी हालातों के अधीन और उसकी गुलाम होगी, तब तक आप संयोग से ही खुशहाल होंगे क्योंकि बाहरी हालातों पर किसी का भी सौ फीसदी काबू नहीं होता। जिस तरह आबादी बढ़ रही है, हम नहीं जानते कि अगली पीढ़ी किस तरह की बाहरी व्यवस्थाएं कर पाएगी। ...
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